मुझे ख़ुशी है कि इस क्रम की पहली दस कड़ियाँ बच्चों और बड़ों द्वारा इतनी पसंद की गयी! प्रस्तुत है इसी क्रम की यह ग्यारहवीं कड़ी , इस उम्मीद के साथ कि इसे भी आप उतने ही उत्साह से पढ़ेंगे !
जितेन्द्र भाटिया
हमारे घर-पड़ोस में कौए के बाद जिस पक्षी के छोटे छोटे झुण्ड या जोड़े तुम्हें आसानी से दिख जाएंगे, वह है घरेलू देसी मैना! आँगन में शोर मचाती, सुबह तड़के से ही यहाँ- वहाँ के दाने बटोरती, रात के भोजन के टुकड़े या कीड़े-मकोड़े ढूंढती, गले से कई तरह की आवाजें निकालती और फिर परिचित ध्वनि के साथ फुर्र से उड़ जाती यह मैना हमारे जीवन के कितनी करीब है. रात में डालों पर सोने से पहले सारी मैनाएँ एक साथ मिलकर जो शोर मचाती हैं उसके लिए हिंदी में एक सुन्दर शब्द है-- कलरव! शाम के समय सूरज के ढलने के साथ इन पक्षियों का कलरव तुमने कभी न कभी ज़रूर सुना होगा. गले से अलग अलग आवाजें निकालने के कारण ही हमारी कहानियों में अक्सर मैना का ज़िक्र तोते के साथ आता है, हालांकि तोते और मैना की दोस्ती तुमने शायद ही कभी देखी हो! बल्कि बगीचे में यदि बाहर से तोतों का दल आ जाये तो मैनाएँ उन्हें वहां से उड़ाने के प्रयास में लग जायेंगी! दूसरे कई पक्षियों की तरह मैना भी अपने इलाके की रखवाली बखूबी करती हैं और यदि वहां कोई दरिंदा पक्षी या जानवर आ जाये तो ये शोर मचा-मचाकर सभी को आगाह कर देंगी!
देसी मैना थाईलैंड में! |
पिछली कड़ियों में हमने तुम्हें कौए के पूरे परिवार से मिलाया था. तो आओ अब हम देसी मैना के निकट रिश्तेदारों से तुम्हारी पहचान करवा दें!
शहरों के पास ग्रामीण और जंगली इलाकों में तुम्हें देसी मैनाओं के बीच या उनके आस पास उनकी जंगली बहन jungle myna (acridotheres fuscus) मिल जायेगी. यह उनसे कुछ अधिक सलेटी गाढ़े रंग की है और तुम इसकी चोंच के ऊपर उभरे बालों के गुच्छे से इसे आसानी से पहचान सकते हो. स्वभाव से शर्मीली जंगल मैना इंसानों से थोड़ा दूर रहना पसंद करती है.
जंगली मैनाओं का जोड़ा |
दक्षिण प्रदेश की नीली पुतलियों वाली जंगली मैना |
उत्तर भारत के कस्बों और कभी कभी शहरी इलाकों में तुम्हें अक्सर देसी मैना से कुछ छोटे आकर की एक और मैना दिखाई दे जाएगी. यह गंगा मैना या bank myna (acridotheres ginginianus) है. देसी मैना की तरह गंगा मैनाओं के झुण्ड भी अक्सर बाजारों या दुकानों के आसपास भोजन की तलाश में चलते फिरते दिख जायेंगे. गंगा मैना का शरीर राख सा सलेटी दिखता है और चोंच तथा आँख के पीछे के लाल रंग से तुम इसे झट पहचान लोगे.
तार पर बैठी गंगा मैना |
गंगा मैना का बच्चा |
हमारे जंगलों और उसके आसपास के देहातों में एक और खूबसूरत मैना आम मिलती है जिसका नाम है ब्राह्मणी मैना brahminy starling (Sturnia pagodarum). इसकी काली टोपी के कारण इसे कालासिर मैना भी कहा जाता है. इसका एक और नाम है पुहैया मैना.
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कालसिर मैना |
हमारे प्रदेश के मैदानों में एक और काली सफ़ेद मैना तुम्हें अक्सर दिख जाएगी. यह है अबलक मैना asian pied starling (Gracupica contra) जो घरों के आसपास तो नहीं दिखती लेकिन खुले मैदानों और बगीचों में यह पूरे दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों में आम दिखती है.
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अबलक मैना |
हमने अब तक जिन मैनाओं के बारे में तुम्हें बताया, वे सारा साल देश में ही रहती हैं. लेकिन दो मैनाएँ ऐसी हैं जो तुम्हें सिर्फ सितम्बर और मार्च के बीच ही भारत में दिखाई देंगी क्योंकि वे सिर्फ सर्दियां बिताने के लिए विदेशों से हमारे यहाँ आती हैं. ये हैं तिल्यर और गुलाबी मैनाएँ!
तिल्यर मैना common starling (Sturnus vulgaris) |
गुलाबी मैनाओं का जोड़ा |
तो यह हुई आसपास दिखने वाली परिचित मैनाओं की कथा! लेकिन मैनाओं की कहानी यहीं समाप्त नहीं होती. अगली बार तुम्हें जंगलों में रहने और देश-विदेश में पायी जाने वाली दूसरी मैनाओं के बारे में बताएँगे!
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जितेन्द्र भाटिया
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