जितेन्द्र भाटिया
कुछ और रिश्तेदार कौए के .......
अब तक तुम कौए परिवार के जिन सदस्यों से मिले उनमें से अधिकाँश काले थे! आओ अब इस परिवार के कुछ अनूठे रंग बिरंगे सम्बन्धियों से मिलते चलें. अलग अलग रंगों के होने के बावजूद इन सब में तुम्हें कौओं के सारे गुण मिल जाएंगे. कौओं की तरह भले ही ये 'कांव-कांव' न करते हों, लेकिन फिर भी इनका स्वर रूखा और कर्कश होता है. और इनमें से कुछ तो अपने गले से कई तरह की अलग अलग आवाजें भी निकाल सकते है. इनमें से अधिकाँश जंगलों के निवासी हैं, लेकिन कुछ को भोजन की तलाश में बस्तियों के नज़दीक भी देखा जा सकता है. ये परिवार हैं तरुपिक (treepies), लंबपूंछिया (magpies) और बनसर्रे (jays).
तरुपिकों के परिवार का सबसे परिचित सदस्य है लाल तरुपिक (Rufous Treepie) जिसे तुम अक्सर आस पास के बगीचों और वनों में देख सकते हो.
इसकी ख़ास पहचान है इसका दालचीनी तथा सलेटी रंग, लम्बी पूँछ और गले से निकलने वाली अलग अलग आवाजें. कौओं की तरह तरुपिक भी काफी दबंग होता है और भोजन के लालच में यह अक्सर घरों के आसपास भी आ जाता है, हालाँकि इसका अधिकाँश समय पेड़ों पर ही गुज़रता है. अगर तुम रणथम्भोर या किसी दूसरे अभयारण्य की सैर पर जाओ तो हो सकता है लाल तरुपिक भोजन की तलाश में तुम्हारी जीप तक आ जाए!
लाल तरुपिक (Rufous Treepie) (Dendrocitta vagabunda) |
सफ़ारी जीप के भीतर लाल तरुपिक! |
सफ़ेद छाती तरुपिक |
लद्दाख में भेड़ की सवारी करती काली चोंच लंबपूंछिया |
काली चोंच लंबपूंछिया |
कम ऊँचाई वाले पहाड़ों में रहने वाली लाल और पीली चोंच वाली नीली लंबपूंछिया (Red and Yellow Billed Blue Magpies)(Uricissa erythrohyncha) और flavirostris)जो सुबह और शाम के समय अक्सर पहाड़ी आंगनों में भोजन तलाशती और शोर मचाती नज़र आती हैं.
पीली और लाल चोंच वाली नीली लंबपूंछिया लगभग एक जैसी होती हैं लेकिन इन्हें अलग अलग पक्षी माना गया है.
लाल चोंच वाली नीली लंबपूंछिया का जोड़ा |
श्रीलंका नीली लंबपूंछिया (Srilanka Blue Magpie)(Urocissa ornata) |
हरी लंबपूंछिया |
इनके साथ ही पहाड़ों पर फैले वनों में कौए की ही जाति के दो बनसर्रे (Jays) भी मिलते हैं. ये स्वभाव में लंबपूंछियों से काफी मिलते जुलते हैं लेकिन इनकी पूंछ उतनी लम्बी नहीं होती.
यूरेशियन बन्सर्रा (Eurasian Jay)(Garrulus glandarius) |
काला सिर बन्सर्रा (Black Headed Jay) |
उम्मीद है कि इन सारी तस्वीरों की कहानी जान चुकने के बाद तुम अब यह तो नहीं कहोगे कि सब कौए काले होते हैं. कौए के इस बड़े परिवार में तुम्हें हर रंग के सदस्य मिल जाएंगे. वैज्ञानिकों का मानना है कि हज़ारों लाखों साल पहले कौओं के इस परिवार का सूत्रपात किसी एक पक्षी से हुआ होगा और समय के साथ इसके इन सारे वंशजों का विकास धीरे धीरे हुआ होगा. तो पक्षी संसार के सबसे बुद्धिमान परिवार कौए की कहानी हम यहीं समाप्त करते हैं! ***