Tuesday, May 7, 2019

(Part 12) देश-विदेश की सतरंगी मैनाएँ (Colourful Mynas & Starlings)


पिछली  कड़ी में हमने  तुम्हें  अपने  आस पास दिखने  वाली  परिचित  मैनाओं  के बारे में बताया था.  आओ इस श्रृंखला  की  बारहवीं  कड़ी  में  इस बार  तुम्हें  मिलवायें  देश विदेश की  अनोखी  मैनाओं  से, जिनमें से कुछ के अनोखे चमकदार रंग  बस  देखते  ही बनते  हैं! 

जितेन्द्र भाटिया 


देश विदेश की सतरंगी मैनाएँ (Colourful Mynas & Starlings)


पिछली बार हमने तुम्हें अपने आस पास दिखने वाली परिचित मैनाओं के बारे में बताया था. मनुष्य के साथ रहते रहते ये मैनाएँ बहुत दबंग भाव से सिर उठाकर चलना सीख गयी हैं. इस बार तुम्हें मिलवाते हैं अपने देश की जंगल में रहने वाली कुछ दूसरी मैनाओं और साथ ही विदेश की कुछ दूसरी सुन्दर मैनाओं से!



हमारे देश के छोटे पहाड़ों और जंगलों में पहाड़ी मैना (Hill Myna) की  तीन किस्में दक्षिणी और पूर्वी इलाकों में मिलती हैं. ये सभी मैनाएँ सदाबहार जंगलों के पेड़ों पर फलों, फूलों, बीजों और कीड़ों से अपना पेट भरती हैं. शहरी मैनाओं के मुकाबले ये जोड़ों या छोटे झुंडों में रहती हैं और गले से  ये कई तरह की आवाजें निकाल सकती हैं, जिसकी वजह से गाँव में कई लोग इन्हें पिंजरों में बंद कर भी रखते हैं. ये ज़्यादातर पेड़ों की सूराखों और खोहों में अपने घोंसले बनाती हैं और पेड़ की डालों पर ही अपना अधिकाँश समय गुज़ारती हैं. 


अंडमन द्वीप में पहाड़ी मैना Hill Myna (Gracula religiosa)


देश के उत्तरी भाग में पहाड़ी मैनाएँ नहीं मिलती. पश्चिमी घाट में गोवा, पश्चिमी कर्नाटक और केरल में पायी जाने वाली पश्चिमी पहाड़ी मैना (Lesser Hill Maina) आकार में कुछ छोटी होती है और इसकी गर्दन और आँखों के नीचे दो अलग पीले हिस्से दिखाई देते हैं. यह अक्सर पेड़ों के मौसमी फूलों और फलों के आसपास भोजन करती मिल जायेगी. 


कर्नाटक के दान्डेली में फूलों का रस लेती पश्चिमी पहाड़ी मैना Lesser Hill Myna (Glacula indica)

पश्चिमी प्रदेश के जंगलों और मैदानों में  एक और पवई मैना (Chestnut Tailed Starling) साल के कुछ महीनों में आम दिखाई देती है. मैदानी इलाकों के लिए यह यात्री प्रवासी या passing migrant है. सितम्बर-अक्टूबर के महीनों में यह दक्षिण की ओर जाती हुई मैदानों में मिलती है और फरवरी-मार्च में इसे दुबारा उत्तर पूर्व की ओर जाते हुए देखा जा सकता है. पवई मैना को अब तीन अलग अलग प्रजातियों में बांटा गया है. पश्चिमी इलाके के मैदानों और मुंबई के इलाकों में दिखने वाली पवई मैना अक्सर झुंडों में मिलती है.

पवई मैना Chestnut Tailed Starling (Sturnia Malabarica)

मलाबार सफ़ेद सिर मैना Malabar Starling (Sturnia blithii)

गोआ और इससे दक्षिण में जो पवई मैना मिलती है, उसका सिर सफ़ेद होता है जिसके कारण इसे मलाबार की सफ़ेद सिर वाली मैना या Malabar Starling कहा जाता है. इन दोनों मैनाओं की चोंच का सिरा तुम्हें अखरोटी भूरे लाल रंग का दिखाई देगा.

इसी मैना से मिलती जुलती एक और अलग किस्म सिर्फ अंडमान  और निकोबार द्वीप समूह में मिलती है. इसे सिर्फ सफ़ेद सिर वाली मैना या White Headed Starling कहा जाता है.

अंडमन की सफ़ेद सिर मैना White Headed Starling (Sturnus erythropygia)

प्रदेश के बदलने के साथ साथ इन मैनाओं के रंग-रूप में परिवर्तन मिलेगा और कई बार इन्हें अलग अलग प्रजातियों की जगह उसी जाति के अन्य गोत्र या कि sub-species माना जाता है और उनके DNA विश्लेषण के आधार पर कई बार उन्हें अलग जाति भी बताया जाता है. जैसे श्रीलंका में मिलने वाली सफ़ेद चेहरे वाली मैना Srilanka White Faced Starling हमारी पवई मैना से एक अलग प्रजाति है. 



हमारी पूर्वी सीमाओं से आगे मयनमार और थाईलैंड, लाओस आदि में एक अन्य गुलाबी छाती मैना (Vinous Breasted Starling) के झुण्ड बहुतायत में मिलेंगे. कहा जाता है कि इजराइल में एक पार्क से छूटी कुछ गुलाबी छाती मैनाओं की संख्या इस तेज़ी से बढ़ी की उसे रोकने के उपाय करना ज़रूरी हो गया लेकिन ये सभी कोशिशें बेकार रही. 


मयनमार और अन्य दक्षिण पूर्व देशों की गुलाबी छाती मैना Vinous Breasted Starling (Acridotheres leucolephalus)


मयनमार में काले कालर वाली मैना Black Collared Starling (Gracupica nigricollis)







दक्षिण पूर्व एशिया और चीन की एक और परिचित मैना है काले कालर वाली मैना Black Collared Starling जो हमारे देश में नहीं मिलती लेकिन इन प्रदेशों में जो आम देखी जा सकती हैं. 




इनके अलावा भी एशिया में मैनाओं की कई प्रजातियाँ मिलती हैं. इन्हीं में से एक है बड़ी मैना (Large Starling) जो हमारी पूर्वी सीमा पर बमुश्किल ही कहीं देखने को मिलती है लेकिन जो मयनमार और इससे आगे थाईलैंड आदि में आम मिलती है. इसकी चोंच के ऊपर जंगली मैना से भी अधिक खड़े बाल दिखेंगे.
   
बड़ी मैना (Great Myna)(Acridotheres grandis)

जैसा कि हम पहले भी कह चुके हैं कि मैना पक्षी जहां भी जाते हैं, वहाँ ये अपने से कमज़ोर दूसरे पक्षियों को पीछे धकेलने में कामयाब हो जाते हैं. संख्या में फैलने के साथ ही ये दूसरे पक्षियों के हिस्से का भोजन भी हथिया लेते हैं और इसीलिये जिन प्रदेशों में मैनाएँ नहीं हैं, वहां इनके आगमन पर कई तरह के प्रतिबन्ध लगाने के प्रयत्न किये जाते हैं. 

लेकिन देश विदेश की मैनाओं की कहानी यहीं समाप्त नहीं होती. एशिया से निकलकर हम पश्चिम की ओर सबसे बड़े महाद्वीप अफ्रीका की ओर आते हैं तो वहाँ की रंग बिरंगी मैनाओं की विविधता हमें अचम्भे में डाल देती है. इनमें सबसे सुन्दर है पूर्वी अफ्रीका में आम पायी जाने वाली लाजवाब मैना (Superb Starling) जिसका एक चित्र तुम इस पोस्ट के शीर्षक में देख चुके हो.  
लाजवाब मैना (Superb Starling) (Lamprotornis superbus)

इसके चमकदार नीले रंगों की आभा देखते ही बनती है. केन्या, टनजानिया और दूसरे अफ्रीकी देशों में ये सुन्दर मैनाएँ हमारी सामान्य मैना जितनी ही तादाद में आम मिलती हैं और ये स्वभाव में उतनी ही लड़ाकू और हिम्मतवार होती हैं. मज़े की बात यह है कि ये अपने घोंसले बबूल के पेड़ों पर चींटों की सबसे खतरनाक प्रजातियों के बीच बनाती हैं. पेड़ के कांटे और ये चींटें इनके अण्डों और बच्चों की रक्षा करते हैं.

हिल्डेब्रैंड मैना  Hildebrandt's Starling (Lamprotornis hildebrandti)










अफ्रीका की दूसरी मैना हिल्डेब्रैंडHildebrandt's Starling भी लगभग इतनी ही खूबसूरत है. यह मुख्यतः केन्या और टनजानिया में मिलती है और कीड़े मकोड़े इसकी मुख्य खूराक हैं. अक्सर यह बड़े जानवरों के खुरों से ज़मीन से निकले कीड़ों की तलाश में उनके पीछे चलती है और कई बार यह दूसरे पक्षियों के झुण्ड में भी शामिल हो जाती है. इसे अपनी सुर्ख आँखों के सहारे आसानी से पहचाना जा सकता है. 




जेब्रा की पीठ पर सवार पीले कान वाली मैना (Wattled Starling)(Creatophora cinerea) 








अफ्रीका के जंगलों के जीवन चक्र में इन मैनाओं की अपनी ख़ास जगह है. ये बाकी चीज़ों के अलावा बड़े जानवरों की पीठ और उनके कानों से कीड़े निकालने की जिम्मेदारी भी निभाती हैं. पीले कान वाली मैना (Wattled Starling) अक्सर ज़ेब्रा की पीठ पर ही पायी जाती है. यह बड़े बड़े झुंडों में रहती है और अपनी अनुवांशिक पहचान में यह एशिया में पायी जाने वाली मैनाओं के सबसे नज़दीक है.


बैंगनी पीठ वाली मैना नर (Violet Backed Starling)(Cinnyricinclus leucogaster)
बैंगनी पीठ वाली मैना मादा (Violet Backed Starling)(Cinnyricinclus leucogaster)




अफ्रीका की बैंगनी पीठ वाली मैना (Violet Backed Starling) की दूसरी मैनाओं से सबसे बड़ी भिन्नता यह है कि इस मैना के नर और मादा देखने में बिलकुल अलग अलग होते हैं. अंग्रेज़ी में ऐसी पक्षी जातियों को हम sexually dimorphic species कहते हैं (इसका सबसे सरल उदाहरण हमारी घरेलू गौरैया है जिसमें नर और मादा अलग अलग दिखते हैं).



अफ्रीका की इस मैना में  नर की पीठ जहां चमकदार बैंगनी और नीचे  का शरीर बिलकुल सफ़ेद होता है, वहीं मादा भूरी होती है और उसके नीचे के शरीर में चकत्ते होते हैं. 












अफ्रीका  में एक और सामान्य रूप से पायी जाने वाली मैना है रुपेल की लम्बी पूंछ वाली मैना (Ruppel's Long Tailed Starling)जिसके चमकदार नीले शरीर पर सफ़ेद पुतलियों वाली आँखें इसकी प्रमुख पहचान हैं.

रुप्पेल लम्बी पूंछ मैना (Ruppel's Long Tailed Starling) (Lamprotornis purpuropterus)

                                                               
नीले आँखों वाली बड़ी मैना (Greater Blue Eared Starling)(Lampotornis chalybaeus)



इसी प्रजाति की एक और सदस्य है नीले कानों वाली बड़ी मैना (Greater Blue Eared Starling) जिसकी पुतलियाँ नारंगी आभा लिए होती हैं . यह मौसम के अनुसार अफ्रीका में ही उत्तर से दक्षिण तक प्रवास करती है और इसकी दो अलग अलग उप-प्रजातियाँ अफ्रीका में पायी जाती हैं. अन्य मैनाओं की तरह यह भी अपने कंठ से अलग अलग तरह की आवाजें निकाल सकती है और यह अक्सर झुंडों में प्रवास करती है. इन मैनाओं को कई बार दूसरे पक्षियों के साथ भी प्रवास करते देखा जा सकता है.


तो इस तरह इन दो कड़ियों में हमने तुम्हें बहुत सारी परिचित और अपरिचित मैनाओं के बारे में बताया. अपने अलग अलग रंग और रूप के बावजूद इनमें बहुत सी समानताएं भी हैं. समूह में रहने, अपने प्रदेश की रक्षा करने और वक्त आने पर सभी पक्षियों को खतरों से आगाज़ करने में इन पक्षियों का जवाब नहीं.


अगली बार कुछ और पक्षियों से पहचान!
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जितेन्द्र भाटिया 


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